भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमजोर वर्गों के लिए निःशुल्क कानून सहायता की व्यवस्था की गई है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22(1) के तहत राज्य का यह उत्तरदायित्व है कि वह सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करें इसके दृष्टिगत समानता के आधार पर समाज के प्रत्येक कमजोर वर्गों को विधिक सेवाएं प्रदान करने हेतु उक्त राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग पूर्णतया सक्षम होगा तथा राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग का कार्य भारत के नागरिकों को कानूनी सहायता सम्बन्धित कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन एवं निगरानी करना है। साथ ही भारतीय संवैधानिक नियमावली के अंतर्गत कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना भी इसका कार्य रहेगा। राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग भारतीय संवैधानिक नियमावली के अंतर्गत समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए और विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एवं जन सुनवाई के माध्यम से निष्पक्ष न्याय प्रणाली का आयोजन करने में सक्षम रहेगा एवं सुपात्र पक्षकारों को विधिक कार्यवाही में निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। लघु विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को नोटिस कर राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग द्वारा नियुक्त मध्यस्थों के माध्यम से सुलह-समझौता कराने का प्रयास किया जायेगा ताकि मा. न्यायालयों में दिन-प्रतिदिन बढ़ते कार्यों का अनावश्यक भार समाप्त हो सके तथा शान्ति व्यवस्था बनी रहे वहीं प्रत्येक शासनिक व प्रशासनिक एवं निजि अथवा व्यक्तिगत क्रियाकलापों में विधिक अनियमितताओं के सम्बन्ध में राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग अपने स्तर से निरीक्षण करायेगा तथा स्वतः संज्ञान लेते हुये आवश्यक विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा वहीं इन्टरनेट प्रसारण के माध्यम से अश्लीलता व अभद्रता एवं अराजकता परोसने वाले अपराधिक तत्वों के विरुद्ध राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग द्वारा त्वरित रुप से विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग द्वारा ऐसे समस्त विधि विरुद्ध क्रियाकलापों के विपरीत विधिवत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी जो कि राष्ट्र व समाज के लिये घातक हों वहीं राष्ट्र हित व जनहित कार्यों के दृष्टिगत राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग द्वारा सेवानिवृत एच.जे.एस. व पी.सी.एस. (जे), आई.ए.एस., आई.पी.एस. व पी.पी.एस. एवं पी.सी.एस. तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण (सेवानिवृत) का एक प्रबलशाली समूह तैयार कर उनको राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु वरीयता दी जायेगी ताकि देश में शांति व सुरक्षा व्यवस्था स्थिर बनी रहे।
राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग राष्ट्रहित में इसी प्रकार अपने अन्य वैधानिक अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम रहेगा।